
रेत उत्खन मामले में अधिकारियों द्रारा एकतरफा कार्यवाही क्यों?
कोरिया – कोरिया जिला में सालो से रेत का अवैध उत्खनन होता आ रहा है आप लोगों ने कलेक्टर,एसडीएम,तहसीलदार,नायब तहसीलदार, खनिज विभाग को पुलिस के साथ मिलकर अवैध रेत उत्खनन करने वाले ट्रैक्टर चालकों पर कार्यवाही करते देखा है चाहे वह कार्यवाही मीडिया के शिकायत पर ही क्यों न की गई हो जो कि अच्छी बात है,लेकिन शिकार हमेशा लोकल गरीब ट्रैक्टर चालकों को ही बनाया जाता है।जबकि टेक्टर मालिक या अबैध उत्तखन्न में शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए लेकिन गरीब चालक के ऊपर कार्यवाही किया जाता है जबकि जो इसके मास्टरमाइंड हमेशा बच जाते हैं
आखिर तहसील मनेंद्रगढ़ और कोटा डोल के,रेत के उन अवैध उत्तखन्न कराने वाले कारोबारियों के ऊपर किसी भी सक्षम अधिकारी की नजर क्यों नहीं पड़ती है, जो लोग लाखों मेट्रिक टन रेत जैसे कीमती खनिज संपदा का सालो से दोहन कर यूपी और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अवैध तरीके से बिक्री कर करोड़ो रूपए कमा रहे हैं। अवैध रेत उत्खनन कर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध भंडारण भी रेत माफियाओ द्वारा किया जाता है लेकिन इन रेत माफियाओ पर किसी तरह का कोई कार्यवाही नही किया जाता है ऐसा क्यूँ ।
इन रेत माफियाओं के खिलाफ किए गए शिकायतों को भी अक्सर जिमेदार अधिकारियों द्वारा दबा दिया जाता है आखिर इन रेत माफियाओं को किन रसूख दारों और अधिकारियो का संरक्षण प्राप्त है? क्यों इन रेत माफियाओं को कानून का डर नहीं है?
अवैध रेत उत्खनन मामले में सक्षम अधिकारियों द्वारा एकतरफा कार्यवाही क्यों की जाती रही है? क्यों सिर्फ गरीब ट्रैक्टर चालकों को ही निशाना बनाया जाता है?